संदेश

जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आदिवासी विचार मंच

चित्र
सीने में जले उलगुलान की मशाल। ऐसा बिरसावाद, बिरसाई संदेश, बिरसाई उलगुलान जरूरी है।। हमारी आपसी रजंस में कही। ये छोटी सी गलती, हमारे समाज को न मिटा दे।। सामाजिक जीवन में सामाजिक ,। और शहीदों की विचारधारा जरूरी है।। समाज को जिंदा रखने के लिये। हम बिरसा वाद के मार्ग पर चल पड़े हैं।। रोके न रुकेंगे अब हम ये। वैचारिक एकीकरण का परिचय देकर,।। सरकार, पूंजीवादियों, सामन्तवादी, तानाशाहियों। को जल जमीन जंगल आत्मसम्मान और सुरक्षा, के  शोषण ,अन्याय,अत्यचार का जवाब।। हम वैचारिक परिपक्व होकर बिरसाई उलगुलान का हुँकार से देंगे। बिरसा वाद, बिरसाई संदेश, बिरसाई उलगुलान सेल्फ रेस्पेक्ट मोव्हमेन्ट ऑफ इंडिजिनियस पिपल्स मिशन मध्य भारत आदिवासी बचाव आंदोलन बिरसा ब्रिगेड अंतर्राष्ट्रीय मिशन ऑल इंडिया इंडिजिनियस स्टूडेंट फेडरेशन ऑल इंडिया इंडिजिनियस एम्प्लॉय फेडरेशन

गोंडवाना का इतिहास

चित्र
गोंडवाना का इतिहास  गोंडी महापुरुषों की अमर गाथा ,गोंडी बोली गोंडी संस्कार तथा सम्पूर्ण गोंडी रीतिरिवाजों के बारे में जानकारी आदिवासी (जनजातीय) संस्कृति धर्म दर्शन. आदिवासी (जनजाति) आदिवासियों (गोंडवाना भू-भाग के निवासियों) की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि मेरा भारतीय इतिहास से तात्पर्य नहीं है, भारतीय इतिहास में तो आदिवासी (गोंडी) गण गाथाओं का कसायल गंध भी नहीं मिलता । मुझे तो उस भू-भाग में पल्लवित, पुष्पित आदिम समाज की खुशबू आ रही है, जो अनंतकाल पूर्व इस श्रृष्टि की अगाध जलदाह में अंकुरित सम्पूर्ण भू-मंडल का आधे से ज्यादा हिस्सा "गोंडवाना लैंड" कहलाया और इसके प्रथम अधिपति गोंडवानावासी (गोंड) आदिवासी कहलाए । गोंडवाना लैंड की उत्पत्ति एवं विकास आधुनिक युग में कपोल कल्पित बातों, काल्पनिक आस्था एवं तथ्यों का कोई स्थान नहीं है । इस युग के लोग शोधपरख ज्ञान और अनुसंधान पर विश्वास रखते हैं, विश्व स्तर पर वैज्ञानिकों द्वारा ऐतिहासिक, भौगोलिक एवं पुरातात्विक स्त्रोतों पर किए गए गहन शोध एवं अनुसंधानों ने यह सिद्ध कर दिया है कि धरती (पृथ्वी) की उम्र ३५ करोड़ वर्ष है, अर्थात धरती की उत...

भारत का प्राचीन नाम

चित्र
# भूल_गए_होगें_याद_दिला_दूँ_अपना_इतिहास 'भारत' का नाम यह संविधानिक नाम है "भारत - That is India" सांस्कृतिक नाम नहीं। प्राचीन भारत का सांस्कृतिक नाम था- #जम्बू द्वीप, #वानरंसा द्वीप, #कोया कोया तुरे, #सिंगार द्वीप तथा #गोंडवाना लैण्ड ।  #प्राचीन भारत बहुत ही समृद्ध और उच्च कोटी की सभ्यता थी, जिसे *सिन्धुघाटी/द्राविड़/River Valley सभ्यता* की नाम से इतिहास में लिपिबद्ध है। इस सभ्यता के निर्माता भारत के मूलनिवासी *द्राविड़* थे जिनके वंशज आज भारत में SC/ST/OBC/R.Minority के रूप में है। समृद्ध गोंडवाना gondwana video song